wildlife conservation in hindi| वन्यजीवों को कैसे बचाया जा सकता है जानिए हिंदी में|

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wildlife conservation in hindi : लुप्तप्राय प्रजातियों, संरक्षण प्रयासों और उन तरीकों पर आज हम प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे। जिनसे लोग वन्यजीवों की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।

भारत विविधताओं के लिए हमेशा जाना जाता है। भारतीय लोगों की भाषाएँ, वास्तु कलाएं, धर्म (अलग-अलग धर्म के लोगों का एक साथ रहना)इन विविधताओं की पूरी दुनिया में प्रशंसा की जाती है। इसी के साथ भारत करोड़ों वन्य जीवों का एक बहुत बड़ा घर है।

1.वन्यजीव कौन होते है?

wildlife conservation in hindi

वन्य जीवन में वह सब जानवर, पक्षी, मछलियाँ, छोटे – बडे जीव, कीटक जो प्राकृतिक वातावरण में रहते हैं। इनको इंसानों द्वारा पाला नहीं जाता बल्कि वे समुद्र, महासागर, नदियाँ, जंगलों में पाए जाते हैं। वे पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने एवं जलवायु परिवर्तन से लडने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान देते है। हालांकि इंसानों की आबादी बढ़ने की वजह से यह जीव हमारे आसपास भी नजर आते हैं।

इंसानों की जनसंख्या वृद्धि के कारण उनके घर तबाह हो चुके हैं। इसी के साथ कई जानवरों और पेड़,पौधों की प्रजातियां नष्ट हो चुकी है।

2.भारत में कौन-कौन से वन्यजीव मौजूद है?

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इस सवाल का जवाब देना काफी मुश्किल है क्योंकि इसमें पशु,पक्षी,कीटक,जानवरों की लाखों प्रजातियां मौजूद है। उभयचर प्राणियों में मेंढक, स्तनधारी में बाघ, नीलगाय, तेंदुआ, हाथी, मछलियां, सरीसृप जैसे साप, छिपकली मगरमच्छ, कछुआ शामिल है। आसान भाषा में कहां जाए तो जिस भी प्रजाति के जानवर को, पक्षी, कीटक, जीव जंतुओं का जीवन मानव हस्तक्षेप के बिना पूर्ण हो जाता है। वह सभी वन्यजीव में मौजूद है।

इन सब वन्यजीवों का जीवन मानव हस्तक्षेप के कारण खतरे में आ चुका है। इंसानों द्वारा जंगलों की कटाई की गई है उससे इन वन्यजीवों के घर तबाह हो चुके है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव, बे-मौसम बारिश, अत्यधिक गर्मी ऐसे कई प्राकृतिक आपदाओं से वन्यजीवों के आवास नष्ट हो गए और कई सारी प्रजातियां नष्ट होने की कगार पर आ गई है और कई प्रजातियां तो आज के दिन मौजूद भी नहीं है।

3.वन्यजीवों को बचाना क्यों जरूरी है?

वन्यजीवों की संख्या मानव गतिविधियों के कारण कम हो चुकी है। अगर पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन से बचना है तो इनका संरक्षण करना हमारा प्रथम दायित्व होना चाहिए।

खाद्य श्रृंखला को बनाए रखती है

खाद्य श्रृंखला प्रकृति की एक ऐसी बनावट है, जिसके माध्यम से हर किसी को समान मात्रा में न्याय प्रकृति के माध्यम से मिलता है। प्रकृति में जब इंसान की वृद्धि ज्यादा मात्रा में हुई, इंसान सब पर अपना अधिकार जमाने लगा, तब यह खाद्य श्रृंखला टूटने लगी। जिसके परिणाम स्वरूप कई प्रजातियां विलुप्त हुई और पर्यावरण में बदलाव भी हुआ। धरती पर किसी भी एक जीव की संख्या को नियंत्रित करने के लिए खाद्य श्रृंखला बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह खाद्य श्रृंखला टूट रही है इंसानों की गलत गतिविधियों के कारण।

परागकण(Pollination)

wildlife conservation in hindi
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परागकण के माध्यम से ही हमें खाना मिलता है। हम खाने वाली सब्जियों, फलों में,कई सारी फसलों में परागकण का होना आवश्यक ही है। अगर परागकण की प्रक्रिया रुक गई तो इंसान के साथ कई पशु भूख के कारण मर जाएंगे। इस परागकण को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए किटक, तितली,मधुमक्खियां जैसे जीव बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। आज के समय में हानिकारक रसायन फसलों पर छिड़के जाते हैं, उसकी वजह से इनका नाश बहुत तेजी से हो रहा है। पृथ्वी की सुंदरता,व्यवस्था अदभुत है।यदि वन्यजीव नहीं होंगे तो जीवन की कल्पना करना आसान नहीं होगा। वन्य जीव प्राकृतिक सुंदर्ताओं को दर्शाता है। उस सुंदरता का अनुभव करना और सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

4.वन्यजीवों को कैसे बचाया जा सकता है ?

शिक्षा और जागरूकता

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सबसे पहले बदलाव इंसानों में शिक्षा के माध्यम से लाना होगा। आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से जूझ रही है उसके परिणामों को अनुभव कर रही है। लेकिन फिर भी जिस तरह की जागरूकता लोगों में होनी चाहिए, जिस तरह की समझ लोगों में होनी चाहिए वो अभी तक भारत में दिखाई नहीं दे रही है। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में जागरूकता सरकार एवं समजदार पढें लिखें लोगों को लानी पड़ेगी। जब तक शिक्षा से जागरूकता नहीं बढ़ेगी तब तक हम विनाश के करीब बढ़ते रहेंगे। यदि मानव प्रजाति को जीवित रहना है तो हर प्रजाति को जीवित रहना होगा। यही प्रकृति का नियम है। इसमें गड़बड़ हुई है और इसका परिणाम हम झेल रहे हैं। पर्यावरण के संदर्भ में जागरूकता ही जीवन है। भारतीय पाठशालाओं में इस विषय पर पाठ्यक्रम होना चाहिए। आज के समय में हर भारतीय के जुबान पर जलवायु परिवर्तन एक समस्या के रूप में रहनी चाहिए और समस्या का समाधान कम उपभोग के द्वारा प्रदर्शित होना चाहिए।

जंगलों का विस्तार बढ़ाना

इंसानों की बढ़ती जनसंख्या के कारण कृषि क्षेत्र का विस्तार भी बहुत तेजी से हो रहा है। जिसके कारण जंगलों को काटा जा रहा है।वन्यजीवों के निवास स्थान को जड़ से नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए जितने भी जंगल आज के समय पर मौजूद है उनका विस्तार लगातार बढ़ाना होगा। अगर उनका विस्तार बढ़ गया तो उनमें रहने वाले जीवों का जीवन सुख से भर जायेगा और उनकी संख्या में बढोतरी होगी।

इंसानों की जनसंख्या रोकना

इस उपाय को समस्याओं का समाधान बोला जाए तो सही होगा क्योंकि पर्यावरण में बदलाव इसी समस्या से आया है। सब समस्याओं की जड़ है इंसानों की आबादी। कई देशों में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए हैं। जिसके कारण उन देशों की जनसंख्या नियंत्रित हुई है, लेकिन अगर भारत की बात की जाए तो इस कानून के बारे में कभी विचार ही नहीं किया गया। भारत आज दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन चुका है‌। आने वाले समय में कई सारे प्राकृतिक संसाधनों की कमी नजर आने वाली है। जिससे भारत को बहुत बड़ी हानि हो सकती है। भारत समेत कई देशों को जनसंख्या को नियंत्रित करना ही होगा। इंसानों की आबादी को नियंत्रित करके ही वन्यजीवों की आबादी को बढ़ाया जा सकता है।

संरक्षक परियोजनाएं

प्रोजेक्ट टाइगर और कस्तूरी मृग जैसी परियोजनाएं को दूसरे जानवरों के आवास एवं सुरक्षा को बढाने के लिए करना होगा। जिससे उनकी भी जनसंख्या में वृद्धि हो। ऐसी परियोजना में आम नागरिक के सहयोग के सिवाय पूर्ण नहीं हो सकती। बिश्नोई समुदाय जैसे पुरे देश के स्थानीय समुदायों को भी एकजुट होकर अपने-अपने क्षेत्र के वन्यजीवों के रक्षा हेतु आगे आना होगा।

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5.भारत में कितने वन्य जीव अभयारण्य है?

भारत में 573 वन्यजीव अभयारण्य हैं। ये अभयारण्य 1,23,762.56 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 3.76% है। अगर देश का हर नागरिक जागरुक है, तो अपने इलाकों में पेड़ों की वृद्धि कर सकता है। वन्यजीवों की कोई लिए रहने लायक स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

6.क्या भारत की सांस्कृतिक धरोहर वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी है?

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भारत की सांस्कृतिक धरोहर में वन्यजीवों का महत्व

भारत की वन्य जीव के बारे में सांस्कृतिक धरोहर काफी पुरानी है। सनातन धर्म में कई सारे भगवानों का वाहन वन्य जीव ही है। जिसमें भगवान विष्णु (गरुड़), शिव (नंदी), माँ दुर्गा(सिंह), गणेश (चुहा),कार्तिकेय (मोर) है। ऐसे बहुत सारे उदाहरण हिंदू धर्म में देखे जा सकते हैं। यहां पर देवताओं में छोटे-मोटे जीवों का चुनाव उनके गुणों और शक्तियों के तौर पर किया है। हिंदू धर्म देवताओं के वाहनों द्वारा यह दर्शाता है कि भारतीय प्रकृति और उसमें पाए जाने वाले सभी जीवों से कितना जुड़ा हुआ है। उनकी रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है यह काफी पुराने सालों से हमें समझाने की कोशिश की गई है।

7.जलवायु परिवर्तन से कौनसी समस्या तेजी से बढ रही है?

वन्य जीवों के घरों की हानि

ग्रीनहाउस गैसेस बड़ी मात्रा में वातावरण में छोड़ने से जलवायु परिवर्तन में काफी बदलाव आ चुका है। जिससे कई सारे जानवरों एवं छोटे बड़े जीवों के घर तबाह हो चुके हैं। तापमान में वृद्धि होने से कई घर जल चुके हैं या रहने लायक नहीं है। जंगलों की कटाई की वजह से उनके आवास और खाने को छीन लिया गया है। कई सारे जीव भूख के कारण मर जाते हैं। ध्रुवीय बर्फ भुभाग तेजी से पिघल रहा है। वहां पर रहने वाले जानवरों को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

बीमारियों का फैलना

बे मौसम बारिश, उच्च तापमान और प्राकृतिक आपदाओं से निर्मित कई सारी बीमारियां वन्य जीवों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। जिसमें कई सारे जीवों की मौत होती हुई हमने सुनी ही होगी।

समुद्र के स्तर में वृद्धि

समुद्र जल स्तर में वृद्धि के कारण तटीय और द्वीपीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहे हैं। समुद्री कछुए जैसे प्रजातियाँ, जो तटों पर अंडे देती हैं, समुद्री स्तर में वृद्धि के कारण अपने प्रजनन स्थलों को खो रही हैं।

आदिवासी समुदायों पर भी जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिख रहा है। जो विशेष रूप से वन्यजीवों पर आधारित है। ऐसे बहुत सारे कारण है जिनकी वजह से भारत में वन्य जीवों को बचाना जरूरी है।

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