भारतीयों को प्रकृति की कितनी चिंता है? Indians Thinking On Climate Change 2024|

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Indians Thinking On Climate Change 2024|

हर इंसान अपने जीवन में सपने को पूरा करने हेतू या किसी चीज का समाधान करने के लिए खुद से और दुनिया वालों से झगड़ता रहता है, संघर्ष करता रहता है। कई बार वह सफल भी होता है कई बार असफलता भी हाथ लगती है। लेकिन जब तक वह सफल नहीं होता तब तक संघर्ष उसकी जीवन में चलता रहता है आज प्रकृति और पर्यावरण की बात की जाए तो वह भी इंसान से बचने के लिए संघर्ष कर रही है इंसान को अपनी रोज की जिंदगी में अपने निजी काम के अलावा पर्यावरण के प्रति प्रेम भी होना चाहिए हमारा थोड़ा समय प्रकृति के बारे में सोने और उसे बचाने के लिए होना चाहिए तो चलिए आज हम बात करते हैं की भर्तियों में भारतीयों में पर्यावरण की कितनी चिंता है या फिर वह कितना सोचते हैं।

पीपल्स क्लाइमेट वोट ने, एक जलवायु परिवर्तन पर ७५ से अधिक देशों में लोग पर्यावरण के बारे में क्या सोचते हैं, पर्यावरण को बचाने के बारे में उनकी क्या राय है, क्या विचार है इसका एक बड़े स्तर पर सर्वेक्षण किया।

सर्वेक्षण में शामिल सवालों के जवाब और भारत और दुनिया की इन‌ सवालों पर दी गई प्रतिक्रियाएं प्रतिशत के माध्यम से बताएंगे।

१.भारत के लोग जलवायु परिवर्तन के बारे में कितनी बार सोचते हैं?

भारत के 33% और दुनिया के 80% लोग हर रोज/हर हफ्ते जलवायु परिवर्तन के बारे में विचार करते हैं। प्रकृति में बदलाव हमें हर दिन दिखाई दे रहा है। चाहे बारिश के मौसम में गर्मी और गर्मी के मौसम में बाढ़ यह है एक उदाहरण है।

२. भारत में पिछले वर्ष की तुलना में, लोग जलवायु परिवर्तन के बारे में कितने अधिक या कम चिंतित हैं?

भारत में लगभग 51% और पूरी दुनिया में 80% लोगों ने कहां की पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष में वह ज्यादा चिंतित है।जलवायु परिवर्तन के कारण इस बदलाव से कई ज्यादा नुकसान आम नागरिक एवं पशु,पक्षियों को झेलना पड़ रहा है ज्यादा गर्मी के कारण जल स्तर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

३.भारतीय लोगों का कैसा अनुभव रहा? प्रकृति के घटनाओं के बारे में – जैसे सूखा, बाढ़, तूफान, और अत्यधिक गर्मी या ठंड…

भारत की 36% और दुनिया की 43% लोगों ने कहाँ की सामान्य जीवन से खराब हालत मौजुदा साल में रही। भारत में इस साल 50 डिग्री से भी ज्यादा तापमान चला गया था। इसका नतीजा कई लोगों की मौत हो गई।

४.जलवायु परिवर्तन ने भारतीय परिवारों के किसी बड़े फैसले को कितना प्रभावित किया है, जैसे कि कहाँ रहना है? या क्या काम करना है?,या क्या खरीदना है?

भारत के लगभग 45% लोग और दुनिया 69 प्रतिशत लोग कहते हैं कि उनके बड़े निर्णय में जलवायु परिवर्तन का बड़ा कारण बनकर उभर आया है।

५. भारत जलवायु परिवर्तन से कितनी अच्छी तरह निपट रहा है?

भारत के 26% लोगों ने अच्छे तरिके से कहाँ और लगभग 5% ने बहुत बुरे तरीके से निपटा रहा है ऐसा कहा।

भारतीयों को प्रकृति की कितनी चिंता है? Indians Thinking On Climate Change 2024|
Peoples climate vote report 2024

६.बड़े व्यवसाय जलवायु परिवर्तन से निपटने में कितने सक्षम हैं?

भारत की लगभग 15% लोगों ने कहा बड़ी व्यवसाय जलवायु परिवर्तन को निपटाने में सक्षम है लेकिन जमीनी तौर पर देखा जाए तो भारत में बड़े उद्योगों के माध्यम से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है।

७. भारत में, आपको क्या लगता है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में सबसे अधिक प्रभाव किसका पड़ा है?

भारत में लगभग 40% लोगों का मानना है सरकार की और 12% लोग कहते हैं पर्यावरण प्रचारक कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लडने में अहम भूमिका है।

८. भारत को कितनी जल्दी कोयला, तेल और गैस को अक्षय ऊर्जा जैसे पवन या सूर्य से बिजली से बदलना चाहिए?

लगभग 54% और दुनिया में 85% भारतीय कहते हैं कि वे जल्द ही बदलना चाहेंगे सौर ऊर्जा जैसे साधनों का इस्तेमाल करके बिजली का उपयोग करना। भारत में ज्यादातर बिजली कोयले से बनती है। गाड़ियां डीजल और पेट्रोल से चलती है और खाना गैस के माध्यम से बनता है।

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९.भारत को प्रकृति की कितनी रक्षा और पुनर्स्थापना करनी चाहिए? उदाहरण के लिए, पेड़ लगाकर या वन्यजीवों की रक्षा करके….

भारत के 75% और दुनिया के 81% लोग चाहते हैं कि प्रकृति की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है। बड़े स्तर पर पेड़ को लगाना, प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा करना चाहिए ऐसा उनका मानना है। प्रकृति के खाद्य श्रृंखला को चलाने में जितनी वन्यजीवों की आवश्यकता है उससे कम इंसानों की है।

१०.जब बात आती है लोगों को चरम मौसम की घटनाओं, जैसे तूफान या अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए

भारत में लगभग 76% और दुनिया के 78% लोग लोग कहते हैं कि कैसे हालातो में ज्यादा सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

११.क्या देशों को जलवायु परिवर्तन पर एक साथ काम करना चाहिए, भले ही वे व्यापार या सुरक्षा जैसे अन्य मुद्दों पर असहमत हों?

भारत के 80% और दुनिया की 86% लोग कहते हैं की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सुरक्षा और व्यापार जैसे मुद्दे छोड़कर हमें एकता और जागरूकता दिखानी होगी।

१२.क्या अमीर देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए गरीब देशों को कम या ज्यादा मदद देनी चाहिए?

भारत में 76% और दुनिया में 79% लोग चाहते हैं कि गरीब देश को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आर्थिक मदद देनी चाहिए।

१३.भारत के विद्यालयों में जलवायु परिवर्तन के बारे में अधिक या कम पढ़ाया जाना चाहिए?

भारत में 74% और दुनिया में 80% लोगों का कहना है कि देश के पाठशालाओं में जलवायु परिवर्तन के बारे में अधिक पढ़ाया जाए। आज हम ही जागरूक नहीं रहेंगे तो आने वाली पिढीयों को इसका अनुभव काफी दर्दनाक होगा। शिक्षा के बल पर ही जलवायु परिवर्तन को कम किया जा सकता है। भारत के कई सारे इलाकों में जंगलों को साफ किया जा रहे हैं लेकिन उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जारी है भारत की पहले से ही पर्यावरण नीति खराब रही है। लेकिन ऐसे सर्वेक्षण के माध्यम से हमें पता चलता है कि लोगों की असल सोच क्या है।

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