green building concept|ग्रीन बिल्डिंग के पर्यावरणीय, मानसिक लाभ और चुनौतिया|

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green building concept : ग्रीन बिल्डिंग का मतलब है ऐसी इमारतें जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचातीं और ऊर्जा व संसाधनों का सही उपयोग करतीं हैं। ये इमारतें न केवल रहने वालों के लिए स्वस्थ वातावरण प्रदान करतीं हैं, बल्कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों की भी रक्षा करतीं हैं। भारत में ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है और इसे कई सरकारी योजनाओं द्वारा भी समर्थन मिल रहा है।

ग्रीन बिल्डिंग की मुख्य बातें

ग्रीन बिल्डिंग से ऊर्जा और पानी की बचत होती है।

ये इमारतें स्वस्थ रहने के लिए बेहतर वायु और रोशनी प्रदान करती हैं।

भारत में कई प्रमुख ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाएँ चल रही हैं।

सरकार ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ बना रही है।

स्थानीय सामग्रियों का उपयोग कर ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण किया जा सकता है।

ग्रीन बिल्डिंग क्या है ?


ग्रीन बिल्डिंग वो होती है जिसमें पानी और बिजली का खर्च कम होता है। ये इमारतें इस तरह से बनाई जाती हैं कि इनमें कुदरती संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि रहने वालों को भी एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिलता है।

मुख्य विशेषताएँ

ऊर्जा की बचत: ग्रीन बिल्डिंग में बिजली की खपत 20-30% तक कम हो सकती है।

जल की बचत: पानी की खपत 30-50% तक कम होती है।

स्वच्छ हवा और रोशनी: इन इमारतों में शुद्ध हवा और प्राकृतिक रोशनी का भरपूर उपयोग होता है।

पर्यावरण पर प्रभाव कैसा रहेगा ?


ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण इस तरह से किया जाता है कि इससे पर्यावरण पर कम दबाव पड़े। इससे कचरा भी कम निकलता है और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है।

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण न केवल आज के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद है।

इस तरह की इमारतें भारत में तेजी से बढ़ रही हैं, और भारतीय बाजार में इस तरह की ऑफिस बिल्डिंग का बढ़ा चलन देखने को मिल रहा है।

Table of Contents

भारत में ग्रीन बिल्डिंग का विकास कैसा है ?


सरकारी कदम

भारत में ग्रीन बिल्डिंग के विकास के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है:

  • ऊर्जा की बचत करना
  • जल संरक्षण को बढ़ावा देना
  • पर्यावरण की सुरक्षा करना
  • प्रमुख ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाएँ

भारत में कई ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाएँ सफलतापूर्वक चल रही हैं। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएँ हैं:

सुजलॉन वन अर्थ, पुणे,सीआईई-सोभराज गोदरेज ग्रीन बिजनेस सेंटर, हैदराबाद,आईटीसी मौर्या, नई दिल्ली।
इन परियोजनाओं ने न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद की है, बल्कि लोगों को भी एक स्वस्थ जीवनशैली प्रदान की है।

भविष्य में ग्रीन बिल्डिंग की क्या संभावनाएँ है ?


आने वाले समय में ग्रीन बिल्डिंग का विकास और भी तेजी से होगा। इसके पीछे कुछ कारण हैं:

जैसे जनसंख्या वृद्धि,शहरीकरण,पर्यावरणीय समस्याएँ

ग्रीन बिल्डिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मान्यता प्राप्त मानक उपलब्ध हैं। यह निर्माण किफायत भरा होने के साथ-साथ टिकाऊ भी है। इससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

ग्रीन बिल्डिंग के लाभ क्या हैं?


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ऊर्जा और जल की बचत

ग्रीन बिल्डिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ऊर्जा और जल की बचत करती है। ऐसे घरों में बिजली और पानी का खर्च बहुत कम होता है। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु हैं:

  • बिजली की खपत 20-30% तक कम हो जाती है।
  • पानी की बचत 30-50% तक होती है।
  • प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग होता है।

स्वास्थ्य लाभ

ग्रीन बिल्डिंग में रहने से लोगों को स्वच्छ हवा और प्राकृतिक रोशनी मिलती है। इससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यहाँ कुछ लाभ हैं:

  • बीमारियों का खतरा कम होता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • रहने वालों की जीवनशैली में सुधार होता है।

आर्थिक लाभ

ग्रीन बिल्डिंग से न केवल पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से भी लाभदायक है। इसके कुछ फायदे हैं:

  • LEED प्रमाणन से प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है।
  • लंबे समय में रखरखाव की लागत कम होती है।
  • ऊर्जा की बचत से बिल में कमी आती है।

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाता है।

इस तरह, ग्रीन बिल्डिंग के कई लाभ हैं जो इसे एक  टिकाऊ वास्तुकला का हिस्सा बनाते हैं।

पढ़िएपर्यावरण को अनुकूल टिकाऊ जीवन कैसे जिये ?


ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में कौनसी चुनौतियाँ है ?


लागत और वित्तीय बाधाएँ

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण महंगा हो सकता है। इसके लिए विशेष सामग्री और तकनीक की जरूरत होती है, जो आमतौर पर महंगी होती हैं। इसके अलावा, कई लोग ग्रीन बिल्डिंग के लाभों को समझ नहीं पाते, जिससे निवेश में कमी आती है। कम लागत में आम नागरिक भी अपने घर को ग्रीन बिल्डिंग के तहत बदल सकता है। हालांकि वह घर के निर्माण कार्यों में लगी सामग्री को तो नहीं बदल सकता है। लेकिन पेड़ पौधों को लगा कर, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करके, बिजली का उपयोग कर सकता है, पानी बचत कर सकता है और अगर हर व्यक्ति सस्टेनेबल जीवन पद्धति को अपनाये तो हर एक इमारत ग्रीन बिल्डिंग के तहत जानी जा सकती है।यदि घर को गांव में बनाना है, तो यह और भी सस्ता हो जाएगा। यह एक ऐसा घर बनेगा जो पर्यावरण को अनुकूल और हमारी मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने में सहायता करेगा।

तकनीकी चुनौतियाँ

ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में कई तकनीकी समस्याएँ आ सकती हैं। जैसे:

  • सही सामग्री का चयन करना
  • निर्माण प्रक्रिया में विशेषज्ञता की कमी
  • नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना

जागरूकता की कमी

अधिकतर लोग ग्रीन बिल्डिंग के फायदों के बारे में नहीं जानते। इसके कारण:

  • सरकारी योजनाओं एवं पर्यावरणीय प्रभावों के जानकारी का अभाव
  • स्थानीय समुदायों में जागरूकता की कमी
  • शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाता है।

ग्रीन बिल्डिंग का सपना पूरा करती आर्किटेक्ट [Green buildings against climate change]
Source – DW Hindi

ग्रीन बिल्डिंग के लिए उपयोगी सामग्री कौनसी है ?


पर्यावरण अनुकूल सामग्री

ग्रीन बिल्डिंग में उपयोग होने वाली सामग्री का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। इन सामग्रियों का पर्यावरण पर कम प्रभाव होता है। यहाँ कुछ प्रमुख सामग्री हैं:

  • पुनर्नवीनीकरण सामग्री
  • प्राकृतिक सामग्री जैसे बांस और लकड़ी
  • कम ऊर्जा खपत करने वाले उत्पाद

पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग

ग्रीन बिल्डिंग में पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग की प्रक्रिया को अपनाना बहुत फायदेमंद है। इससे कचरे की मात्रा कम होती है और संसाधनों का सही उपयोग होता है। कुछ उदाहरण:

  • पुराने भवनों से निकली सामग्रियों का पुन: उपयोग
  • कचरे से ऊर्जा उत्पादन
  • पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक का उपयोग

स्थानीय संसाधनों का उपयोग

स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने से परिवहन में होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इसके फायदे:

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
  • कम कार्बन फुटप्रिंट
  • ताजगी और गुणवत्ता में सुधार

ग्रीन बिल्डिंग में सही सामग्री का चुनाव न केवल पर्यावरण की रक्षा करता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है।

भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कौनसे उदाहरण है ?


सुजलॉन वन अर्थ, पुणे

green building concept|ग्रीन बिल्डिंग के पर्यावरणीय, मानसिक लाभ और चुनौतिया|
Source – ArchDaily

सुजलॉन वन अर्थ भारत की एक प्रमुख ग्रीन बिल्डिंग है। यह पुणे में स्थित है और इसे पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बनाया गया है। यहाँ पर बिजली और पानी की खपत बहुत कम होती है। इस इमारत के परिसर में पवन टरबाइन बसाई हुई है। जिससे ऊर्जा प्राप्त की जाती है।

सीआईई-सोभराज गोदरेज ग्रीन बिजनेस सेंटर, हैदराबाद

यह ग्रीन बिल्डिंग हैदराबाद में स्थित है और इसे ऊर्जा की बचत के लिए डिज़ाइन किया गया है। यहाँ पर प्राकृतिक रोशनी का भरपूर उपयोग किया जाता है।

आईटीसी मौर्या, नई दिल्ली

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Source – ITC Hotels

आईटीसी मौर्या होटल एक और उदाहरण है जो ग्रीन बिल्डिंग के सिद्धांतों का पालन करता है। यहाँ पर जल पुनर्चक्रण की व्यवस्था है, जिससे पानी की बचत होती है।
यह होटल अपने कचरे का 90% हिस्सा रिसाइकल करके फिर से उपयोग करता है।

कुछ और ग्रीन बिल्डिंग्स के उदाहरण

राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद
इंफोसिस, मैसूर
सिस्को बिल्डिंग, बैंगलोर
आईटीसी ग्रीन सेंटर, गुड़गांव

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह रहने वालों के लिए भी स्वास्थ्यवर्धक वातावरण प्रदान करता है।

ग्रीन बिल्डिंग के लिए सुझाव क्या हो सकते हैं ?


सरकारी नीतियाँ

सरकार को ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीतियाँ बनानी चाहिए। इससे न केवल निर्माण में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों को भी इसके लाभ समझ में आएंगे। कुछ सुझाव हैं:

  • ग्रीन बिल्डिंग के लिए सब्सिडी देना
  • निर्माण में पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन देना
  • ग्रीन बिल्डिंग के लिए विशेष मानक तय करना

सामुदायिक भागीदारी

सामुदायिक भागीदारी से ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में मदद मिल सकती है। इसके लिए:

  • स्थानीय लोगों को ग्रीन बिल्डिंग के लाभों के बारे में जागरूक करना
  • सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करना
  • ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को शामिल करना

शिक्षा और प्रशिक्षण

शिक्षा और प्रशिक्षण से ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में सुधार होगा। इसके लिए:

  • स्कूलों में ग्रीन बिल्डिंग के महत्व पर पाठ्यक्रम शामिल करना
  • वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन करना
  • पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाता है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, ग्रीन बिल्डिंग का मतलब है एक ऐसा घर जो न सिर्फ हमें आराम दे, बल्कि पर्यावरण का भी ख्याल रखे। जैसे कि पुणे में सुजलॉन वन अर्थ और हैदराबाद में गोदरेज ग्रीन बिजनेस सेंटर, ये सब ग्रीन बिल्डिंग के बेहतरीन उदाहरण हैं। इन इमारतों में बिजली और पानी की बचत होती है, जिससे हमारी जेब पर भी असर पड़ता है। अगर हम सब मिलकर ग्रीन बिल्डिंग की ओर बढ़ें, तो न सिर्फ हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक साफ-सुथरा और सुरक्षित वातावरण भी छोड़ सकते हैं। तो चलो, हम सब मिलकर ग्रीन बिल्डिंग के इस सफर में कदम बढ़ाएं!

(बड़े-बड़े मेट्रो शहरों में ग्रीन बिल्डिंग को बनाने की लागत ज्यादा आती है। लेकिन अगर ग्रामीण इलाकों की बात की जाए तो यह काफी कम लागत में यह एक अच्छा घर बन सकता है)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


ग्रीन बिल्डिंग क्या होती है?

ग्रीन बिल्डिंग ऐसी इमारत होती है जो पर्यावरण के अनुकूल होती है। इसमें ऊर्जा और पानी की बचत की जाती है।

ग्रीन बिल्डिंग के क्या फायदे हैं?

इससे बिजली और पानी की खपत कम होती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है और लागत में भी कमी आती है।

भारत में ग्रीन बिल्डिंग का क्या महत्व है?

भारत में ग्रीन बिल्डिंग से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह टिकाऊ विकास को बढ़ावा देती है।

क्या ग्रीन बिल्डिंग बनाना महंगा है?

शुरुआत में लागत अधिक हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह आर्थिक फायदों में बदल जाती है। ग्रामीण इलाकों में लागत कम लगती है।

भारत में ग्रीन बिल्डिंग के उदाहरण कौन से हैं?

पुणे में सुजलॉन वन अर्थ, हैदराबाद में गोदरेज ग्रीन बिजनेस सेंटर और दिल्ली में आईटीसी मौर्या इसके प्रमुख उदाहरण हैं।राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, इंफोसिस,सिस्को बिल्डिंग,
आईटीसी ग्रीन सेंटर।

ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में क्या चुनौतियाँ हैं?

लागत, तकनीकी समस्याएँ और जागरूकता की कमी जैसी चुनौतियाँ सामने आती है।

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